hanuman chalisa Fundamentals Explained
hanuman chalisa Fundamentals Explained
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भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं।
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जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥ दुर्गम काज जगत के जेते ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
व्याख्या — श्री हनुमान जी का नाम लेनेमात्र से भूत–पिशाच भाग जाते हैं तथा भूत–प्रेत आदि की बाधा मनुष्य के पास भी नहीं आ सकती। श्री हनुमान जी का नाम लेते ही सारे भय दूर हो जाते हैं।
व्याख्या – जन्म–मरण–यातना का अन्त अर्थात् भवबन्धन से छुटकारा परमात्म प्रभु ही करा सकते हैं। भगवान् श्री हनुमान जी के वश में हैं। अतः श्री हनुमान जी सम्पूर्ण संकट और पीड़ाओं को दूर करते हुए जन्म–मरण के बन्धन से मुक्त कराने में पूर्ण समर्थ हैं।
The king with the gods, Indra, responds by telling his spouse the living currently being (monkey) that bothers her is always to be seen as a friend, and that they should make an energy to coexist peacefully. The hymn closes with all agreeing that they should arrive jointly in Indra's residence and share the wealth from the offerings.
हनुमान चालीसा, लाभ, पढ़ने का सही समय, क्यों पढ़ें?
In each China and Japan, very similar to in India, You will find a get more info deficiency of a radical divide amongst humans and animals, with all dwelling beings and character assumed being relevant to humans. There is no exaltation of human beings more than animals or mother nature, in contrast to the Western traditions. A divine monkey has long been a Section of the historic literature and society of China and Japan, perhaps affected through the shut cultural Speak to through Buddhist monks and pilgrimage to India in excess of two millennia.[79] By way of example, the Japanese text Keiranshuyoshu, even though presenting its mythology a few divine monkey, that is the theriomorphic Shinto emblem of Hie shrines, describes a flying white monkey that carries a mountain from India to China, then from China to Japan.
व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।
भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।